स्कूल का वो दिन याद है,
हम साईकल से आया करते थे।
तेरी गोभी सब्जी वाली टिफिन को,
दोनो मिलकर खाया करते थे।
मैं बहुत पतला था और
तू थोड़ी मोटी थी।
इसी बात पर तेरी मेरी,
बहुत लड़ाई होती थी।
वो पहला दिन याद कर,
जब तू अकेली आयी थी।
न जाने कितनी सवालो से,
मैंने बहुत दिमाग खायी थी।
सब टॉपर टॉपर कहते थे यार,
मुझे बहुत जलन होता था।
तुझे मात कैसे दु सोच,
मैं पूरी रात न सोता था।
पर तुमसे लड़ाई करना,
बहुत अच्छा लगता था।
तू इतनी मोटी थी कि,
मैं बच्चा लगता था।
हद तो तब हो गयी,
जब पिकनिक पर गए थे।
वह भी तूने टिफिन में,
गोभी की सब्जी ले गए थे।
जानता हूं ये पड़कर ,
तू बहुत हँस रही होगी ।
पर तेरी गोल वाली चहेरे पर,
वो हँसी जच रही होगी।
पर यार पायल …..
मुझे याद नही कौन सी बात,
हमे अच्छे दोस्त बना गयी।
आज कुछ तस्वीरें देखते ,
मुझे स्कूल की याद आ गयी।
।।गीतेश नागेंद्र।।
Wow… ✌
Aha school ke dosto ki baat hi kuch aur hoti hai
Great emotions
nice poem