धूल जमी डायरी के कुछ पन्ने जो खोले,
तेरी यादो के सिलसिले फिर काबिज़ हो गए,
पलटता रहा पन्ने और फिर बहने लगा
जज्बातों का समुंद्र जो कभी हिलोरे लेता था मुझमे,
भले ही बेजान खामोश सी हो गयी थी
वो लहरे कुछ लम्हात के लिए,
पर यकीन मान एक तूफ़ान
तेरी यादो का हर रोज बहता था मेरी आँखों से,
आज जब खोली है वो डायरी तो खुश्बू के तरह महक रहा है
तेरा प्यार फिर से फिजाओ में,और भिगो रहा है
ये समुंद्र तेरी मोहब्बत का मुझे इस तरह
की जैसे मेरा पहला प्यार बस अभी इसी वक़्त ही हुआ हो।
गौरव
es bheed mein mujhe dekhna jrur kitna hu khass tumahre liay,,,kabhi vakat mile toh sochna jrur,,
ek num
Ham aap ke dil me rehate hai, or aap hamare dil me rehate hai, kya huva ham aap se bichhd gay, agali subha ham bhir mile ge, bichhd na or milalna chalata rahega, lekin aap hame nai bile to meri jan chali jaye ge
Nice yar
thanks astha ji.
Nice one