आज उनके आंसुओ ने हमें बहुत रुलाया
उनकी आँखों के हर कतरे ने आँखों को भिगाया
वो सिमट के रोने लगे अपने पहलु में
पर मेरी आँखों से बादल बरस के आया
मैं समेटना चाहता हूँ उनको अपनी बाहो में
कहना चाहता हूँ तेरा हर आंसूं अब मेरा है
इतना गहरा जज़्बात मुझमेँ निखर के आया
आज उनके आंसुओं ने मुझे बहुत रुलाया
जब बो समझे मेरे जज़्बात होने लगी बस आँखों से बात
आंसुओ का बवंडर हम दोनों की आँखों में था
गहरा जज़्बात प्यार का खारे पानी में था
सिर्फ सिमटे नहीँ थे दो जिस्म बाँहों में
रूहो तक नर्म आंसुओं का पानी था
सावन जो बरसा था आँखों से
आज वो खुशिओं का बादल था
खारे पानी की बूँद नहीँ
दिलों पे आज हम दोनों के प्यार का आँचल था
-गौरव
Nice Bahut Achha Hai Aur Likho
jhakaashhhhhhhhhhhhh
so nice poem