दिल की धड़कन बढ़ जाती है
जब सामने वो आ जाती है
दूर दूर होकर भी
वो मेरा चैन चुराती है
धीरे धीरे कदम बढ़ा
वो पास मेरे जब आती है
साँसे होती तेज़ मेरी
नजरें चंचल हो जाती हैं
क्या कहूँ मेरा क्या हाल हुआ
दिल का हाल बेहाल हुआ
अब कहूँ मुझे क्या जोग लगा
या प्यार का कोई रोग लगा
अब दिन का ना कोई खयाल है
रातों का भी ये हाल है
दिल कहता है मेरा
बस सामने वो आ जाये
नजरें फिर से मिल जाये
जो चैन गया था मेरा
वो चैन मुझे मिल जाये
इस बार कहा है दिल ने
हाल दिल का उसे बतलाऊँ
कि हो गया है इश्क़ तुमसे
उसको भी जताऊं
पर सोच मेरा दिल घबराये कि
ना हो जाये नाराज कहीं तू
इसलिए तुझसे छुपाता
जो है छुप छुप के बस प्यार मेरा
दिल में ही रह जाता
पर इतना तो है शुक्र खुदा का
कि रोज़ सनम दिख जाता
रोज़ सनम दिख जाता
-गौरव
Thank you from the bottom of my heart for everything