इन्तहां लिखी इकरार लिखा
पल पल का इंतज़ार लिखा
तेरी यादों को दिल में बसा के
हर रोज़ तुझे पैगाम लिखा
सूने सूने तुझ बिन जीवन को
पतझड़ का मौसम लिखा
तेरी यादों के नील गगन में
तन्हा कोई मंज़र लिखा
तुझ बिन चलती इन सांसो को
निष्प्राण कोई जीवन लिखा
मेरे खयालों के हर पन्ने में
तेरा ही कोई ज़िक्र लिखा
रूठी रूठी रातों में
जगती हुई इन आँखों में
आंसुओं का सैलाब लिखा
तुझ बिन कहीं हैँ खोये रहते
जीते हुए भी पल पल मरते
तेरी इन यादों का हर बातों का
हर लम्हा हर पल लिखा
तेरी यादों को दिल में बसाके
रोज़ तुझे पैगाम लिखा।
-गौरव
Guru ki bhakti me hei sakti guru se janm janm ka nata Guru hi hamie netik Sikhsa ka pat padat Guru ke liye hamare dil me