रातों के सन्नाटे में
दिन के उजाले में
कभी महफ़िल में
कभी वीराने में
तू नहीं मिलता
तो तेरा ख्याल ही सही
दिल ये आशिक़ मेरा
तेरा दीदार मांगता है
तू न मिल सका
आज तेरा नाम ही सही
तेरी याद में यूं तो रोज़ बहाते हैं पानी
आज तेरी याद में एक जाम ही सही
सोचा था कभी तुझसे मुलाकात न होगी
पर आज तुझे देखा तो देखता रह गया |
-अनुष्का सूरी
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Its totally rock