जो तुम्हारे सामने खिल जायें
तुम एक बार इशारा करदो
हम यहीं धूल हो जायें
झील सी गहरी नीली आँखें
मीठी मीठी मिश्री सी बातें
लम्बे काले घनेरे बाल
हाय मतवारी तेरी चाल
अगर हो जाये कुछ गुस्ताखी
आज दे देना हमको माफी
जबसे तुमको देखा है
खुद से हुये बेगाने
तुम को बार बार सोचा है
तू माने या ना माने
आज मैं भी एक एलान करता हूँ
मैं ये जान तेरे नाम करता हूँ
-अनुष्का सूरी
nice
पचठके
Nice one dear keep it up.
Maine tujh se pyaar kiya parvati samaj ke,tere baap ne muje jalaya agarbati samaj ke!
very nice poem and very beautiful image
khub syrat hai tum,
jab pass tum hote ho….