तेरी यादों में जीने लगी हूँ
तेरे गीतों को सुनने लगी हूँ
इस मीठी सी ठंड में आँखें नॅम होने लगी हैं
तेरी याद में नींदें खोने लगी लगी है
जब देखा दूर चमकते तारे को
उसकी चमक देख तेरी याद आई
जब देखा उपर खुले आसमान को
तेरी बाहों की याद आई.
जब बैठी नदी किनारे
बहते पानी में तू ही नज़र आया
फिर अपने आप से पूछ बैठी
क्या तुमने अपना प्यार पाया?
इस प्यार भरे लम्हे में खो गयी
ना जाने कब तेरे इतनी करीब हो गयी
तेरी ही बातें करने लगी हूँ
तुझे अपने गीतों में गुनगुनाने लगी हूँ
तेरी यादों में जीने लगी हूँ
-कविता परमार
its truly heart touching
Nice line…i mean from heart…
very nice poetry…love is smile lov is our wrld lv is evrything for us but lov is not in our hand
Thnk u.