फूलों की खुश्बू
चाँद सा निखार
जीने की आरज़ू
अपनों से प्यार
सोचता था तुझे
कल भी यूँ ही
और आलम देखो
आज भी खोया हूँ यूँ ही
बस तेरे खयालों में
आज भी मैं
बहुत बार सोचा
दिल की बात कह दूँ
दिल में जो बातें हैं
तुझको बता दूँ
लेकिन डरता हूँ
कहीं तू ना रूठ जाये
जान के ये बात कि
मैं तुझ पर मरता हूँ
पर आज इस दिल पर काबू नहीं
छाया है तेरा जादू मुझ पर कहीं
आज मैं ये इकरार करता हूँ
मैं कल भी तुझसे प्यार करता था
और आज भी सिर्फ तुझसे प्यार करता हूँ
हाँ मैं तेरा इंतज़ार करता हूँ
मैं तुझसे प्यार करता हूँ
नहीं मालूम मुझे तू मुझे अपना माने या ना माने
पर मैं तुझसे प्यार करता हूँ
मैं तेरा इंतज़ार करता हूँ
-अनुष्का सूरी
Awsm yaar
nice lines and i love this lines
I am saluting the writer
Thank you so much!
Bohot accha poem hain. I loved reading it. So beautiful. Thank u for the post a lots….