आँखों में जादू
मीठी बातें
हंसी मुलाकातें
तुम ही कहो
तुमको क्यों ना चाहें?
सुबह शाम सोचें
ये मीठी बातें
ये हंसी मुलाकातें
क्यों ना इनको रोज़ की आदत बना लें?
अगर हौंसला दो तो कुछ कहना चाहें
मान जाओ जो तुम तो तुम्हें अपना बना लें?
साथ रहेंगे एक दूजे के बन के
क्यों ना इस सपने को हक़ीक़त बना लें
-अनुष्का सूरी
shandar