November 12, 2014.Reading time 1 minute.
दिल आज काल मेरी सुनता नहीं, मैं क्या सोचूं वो मानता नहीं, कुछ हो रहा है जानता नहीं, क्या करूं मानता नहीं, तेरी यादों में दिन रात खोता है, ये दिल दीवाना पल पल होता है, तुझे ही दिन रात हैं सोचते, सुबह शाम करें तेरी बातें, रातों में भी चैन नहीं, आँखें मेरी तुझको […]
Read MoreLike this:
Like Loading...
November 11, 2014.Reading time 1 minute.
वक़्त के दायरो में हम यूं ही पिघल जायेंगे, दूर ही सही पर हर पल तुम्हें याद आयेंगे, कभी वक़्त के पन्नों को पलट के आप सोचेंगे मेरी लिखी हर कविता में खुद को आप पायेंगे, मिले थे आप जिसे बन के अजनबी, वही तो हैं हम जो दिल के पास हो जायेंगे, हम तो […]
Read MoreLike this:
Like Loading...