बहुत दिन गुज़र चुके
तेरे दूर जाने में
कितनी देर लगेगी और
तेरे लौट आने में
वैसे तो काम बहुत हैं
मुझे ज़माने में
लेकिन आशिक़ हूँ मैं
तेरा बताने में
आजा अब छोड़ ये लुक्का छिप्पी का खेल
किसी बहाने से
मैं हूँ तेरा तू है मेरी
सबको बताने में
-अनुष्का सूरी
Ye brother ek dam lajawab hai mero bhi asi hi kahani hai
wow. amazin i post my kavita.