दिल से दिल की मुलाकात बहुत ज़रूरी है
हाँ मुहब्बत के बिना ज़िंदगी कुछ अधूरी है
वो लिखना प्यार में डूबे खत
वो मिलना छुप-छुप के वक़्त बेवक़्त
कुछ नादानियाँ कुछ शैतानियाँ
यार की खबर ना मिलने पर बेचैनियां
इश्क़ के दरिया को पार करना है मुश्किल
जीना दुश्वार कर देता है ये दर्दे दिल
आशिक़ों में अपना भी नाम होना ज़रूरी है
मेरा तुझसे तेरा मुझसे मिलना ज़रूरी है
-अनुष्का सूरी