कुछ इस कदर एक दूसरे से जुड़े हम
कि मेरे साये ने भी कहा आखिर क्यों जुड़े हम
इतनी पास आकर भी तुम मुझसे दूर क्यों हो
इतनी दूर जाकर भी तुम मेरे पास क्यों हो
मेरे पास आकर मेरे दिल में बस जाओ
एक कोशिश तो करो तुम मेरे बन जाओ
– दृष्टि
Hindi Love Poems| प्रेम कविता |Romantic Poems|Prem Kavita
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कुछ इस कदर एक दूसरे से जुड़े हम
कि मेरे साये ने भी कहा आखिर क्यों जुड़े हम
इतनी पास आकर भी तुम मुझसे दूर क्यों हो
इतनी दूर जाकर भी तुम मेरे पास क्यों हो
मेरे पास आकर मेरे दिल में बस जाओ
एक कोशिश तो करो तुम मेरे बन जाओ
– दृष्टि