छुपता हुआ चाँद
बादलों के दरमियां अटखेलियाँ बहुत करता है
कभी खूबसूरत ख्वाब दिखाता
तो कभी तेरी याद दिलाके मुझे सताता
मैं भी दीवाना हूँ अपने चाँद का
जो दीदार कराता है अपने हुस्न का घूँघट की ओठ से
और वो घूँघट ही उसका बिखर जाता है
मेरे दिल पे प्यार की चांदनी बनकर