जाहिल कहो पागल कहो – हिन्दी प्रेम कविता
जाहिल कहो पागल कहो
आवारा कहो मजनू कहो
मैं बुरा न मानूँगा
आशिक़ हूँ तुम्हारा
मीठे बोल बोलो या गाली दो
मुझसे मुँह फेरो या हँस के मिलो
मैं बुरा न मानूँगा
दीवाना हूँ तुम्हारा
दिल में रखो या दिल से निकालो
ज़िंदा रखो या मुझे मार डालो
तुमको मैं ना भूलूँगा
महबूब हूँ तुम्हारा
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बहुत अच्छी कविता