किस नाम से पुकारूँ तुझे समझ नहीं पाता
क्या कहूँ महरबां या कहूँ हसीना
हाय ये तेरी झील सी आँखें
मीठी मीठी तेरी बातें
तेरे भूरे भूरे बाल
उफ ये तेरी मतवारी चाल
इतना कर देती हैं मुझको घायल
कि पूछता हूँ खुद से एक ही सवाल
किस नाम से पुकारूँ तुझे
मेरी प्यारी मेरी सुंदरी मेरी जान
bahut acche poetry h mam aapki
This is good lines
wa kya baat hai maza hi aa gya