तेरी आंखो मे जो अजब सा नशा है
क्या बताऊँ दिल किस कदर तुझ पर फिदा है
उफ तेरी ज़ुल्फ़ों का वो घना अंधेरा
चुराता है दिल जैसे हो कोई लुटेरा
तेरे गाल पर वो जो काला काला तिल है
हाये उसे देख मचलता ये दिल है
वो तेरा बार बार मुझसे नज़रें चुराना
और मेरा यू ही तेरे सामने आ जाना
खुदा जाने कब तू कहेगी अपनी ज़ुबानी
अब शुरू की जाये अपनी प्रेम कहानी
कुछ बातें होंगी कुछ मुलाकातें होंगी
कहीं सपने सजेंगे कहीं नींदें उड़ेंगी
धीरे धीरे बढ़ेगी ये बेक़रारी
और छा जायेगी कुछ कुछ खुमारी
खो जायेंगे हम एक दूसरे में
तू समा जायेगी मुझ में और मैं तुझ में
भर जायेगी खुशियों से ये ज़िंदगानी
मैं तेरा राजा और तू मेरी रानी
Rajesh KUMAR