प्यार की मंज़िल क्या है बस और प्यार
दिल के समंदर का साहिल तू ही है यार
तू मेरा दिलबर तू ही है मेरा प्यार
तेरा ही तो रात दिन मैं करूँ इंतज़ार
बस एक तेरे लिये ही है मेरा दिल बेकरार
बढ़ता जा रहा है अब ये खुमार
तुझको पुकारे मेरा ये दिल बार बार
तू भी करले अब मुझसे प्यार
ku log pyar m fas jate h
YE MERI KAVITA HAI AND THE TITLE IS “AAKHIR KYO”
AB BATAO KAISI HAI U CAN REPLY ON MY EMAIL ID :- anjaliverma24@gmail.com
दिल की तमन्ना अधूरी क्यों है
हम तुम इतने पास है फिर भी ये दूरी क्यों है
चाहा है तुम्हे चाहत से जादा
चाहतों का ये रिश्ता इतना करीबी क्यों है
हर पल दिल किसी को याद करता है
यादों में खोकर किसी का इंतजार करता है
किसी से इतनी दिल्लगी क्यों है
नजरे मिलते ही दिल कुछ कहता है
कुछ कहकर ना जाने दिल क्यों चुप-चुप रहता है
हर दिल की यही कहानी क्यों है
कहते है प्यार कभी मरता नहीं
तो प्यार करने के लिए इतनी कम जिंदगानी क्यों है
YE MERI KAVITA HAI TITLE IS “AAKHIR KYO”
MEINE LIKHI AB BATAO KAISI HAI U CAN REPLY ME ON MY EMAIL ID:- anjaliverma24@gmail.com
nice poem…………..
Bohot khub.