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Hindi Love Poem – बस और प्यार

प्यार की मंज़िल क्या है बस और प्यार

दिल के समंदर का साहिल तू ही है यार

तू मेरा दिलबर तू ही है मेरा प्यार

तेरा ही तो रात दिन मैं करूँ इंतज़ार

बस एक तेरे लिये ही है मेरा दिल बेकरार

बढ़ता जा रहा है अब ये खुमार

तुझको पुकारे मेरा ये दिल बार बार

तू भी करले अब मुझसे प्यार

Author:

Writer, Marketer, Singer, Motivator, Educator, Poet, Blogger, Author, Editor, Researcher who is following her passion in life.

6 thoughts on “Hindi Love Poem – बस और प्यार


  1. दिल की तमन्ना अधूरी क्यों है

    हम तुम इतने पास है फिर भी ये दूरी क्यों है

    चाहा है तुम्हे चाहत से जादा

    चाहतों का ये रिश्ता इतना करीबी क्यों है

    हर पल दिल किसी को याद करता है

    यादों में खोकर किसी का इंतजार करता है

    किसी से इतनी दिल्लगी क्यों है

    नजरे मिलते ही दिल कुछ कहता है

    कुछ कहकर ना जाने दिल क्यों चुप-चुप रहता है

    हर दिल की यही कहानी क्यों है

    कहते है प्यार कभी मरता नहीं

    तो प्यार करने के लिए इतनी कम जिंदगानी क्यों है

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