हिंदी कविता : तुम ही तो हो
तुम ही तो हो ओ जानेमन
तुम ही हमें भुलाये क्यों
ऐसे न करो हम पर सितम
जो तुमको भी कभी रुलाए क्यों
इश्क-ए-बहार तुम से है
तुम से ही रहेगा सनम
तुम पर ही मरते आये हैं
जाँ भी निकल जाये घबराएँ क्यों
Hindi Love Poems| प्रेम कविता |Romantic Poems|Prem Kavita
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हिंदी कविता : तुम ही तो हो
तुम ही तो हो ओ जानेमन
तुम ही हमें भुलाये क्यों
ऐसे न करो हम पर सितम
जो तुमको भी कभी रुलाए क्यों
इश्क-ए-बहार तुम से है
तुम से ही रहेगा सनम
तुम पर ही मरते आये हैं
जाँ भी निकल जाये घबराएँ क्यों